जोखिम का आकलन – समुद्री परिवेश में खतरों की पहचान

जोखिम का आकलन – परिवेश में खतरों की पहचान

ज्यादातर संदर्भों में, जोखिम की परिभाषा है ¬¬–– “निर्धारित खतरे के उत्पन्न होने की संभावनाएं, या बारंबारता तथा ऐसा होने पर परिणामों की भयवाहता का संयोजन।” समुद्री परिवेश निरंतर बदल रहा है। ऐसे में मौजूद नवीनतम जोखिमों के बारे में सजग रहना अत्यंत आवश्यक है।

समुद्री परिवर्तनीय जोखिम आकलन (मरीटाइम डायनैमिक रिस्क असेसमेंट) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसे क्रू की सुरक्षा और समुद्री परिवेश के संरक्षण के लिए नियमित अंतराल पर दोहराया जाना चाहिए।

प्रशिक्षणार्थियों के सामने जोखिम आकलन की परिस्थितियाँ रखी जाती हैं, जिनमें वे समस्या के विकराल रूप लेने से पूर्व ही संभावित खतरे की पहचान कर पाते हैं।